गणेश जी का विसर्जन पुरे भारत में १ सितम्बर को किया जाये गए। आइए जानते हैं गणेश विसर्जन की विधि के बारे में।
गणेश विसर्जन विधि: गणेश जी के विसर्जन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी को घर में लाया जाता है. १० दिन उनकी पूजा की जाती है बच्चे हो या युवा सभी उम्र के लोग नाचते गाते है। सुबह शाम आरती होती है। और गणेश जी को प्रिय मोती चूर के लड्डू का भोग लगाया जाता है. 10 दिन तक ग णेश जी को घर में रखने के बाद 11 वें दिन बप्पा को भक्तिभाव से विदाई दी जाती है. दस दिन तक चलने वाले गणेश महोत्सव का इस दिन समापन हो जाता है.
1 सितंबर के दिन से पितृ पक्ष का भी आरंभ हो रहा है. अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन करने की परंपरा है. इस दिन गणेश जी का विधि पूर्वक विसर्जन करना चाहिए. गणेश जी का आर्शीवाद मिलने से घर में सुख और समृद्धि आती है. जिस प्रकार से गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की विधि पूर्वक स्थापना की जाती है उसी प्रकार से विसर्जन के दौरान भी विधि विधान का पालन करना चाहिए.
इस दिन सभी घरो में किसी पंडित के द्वारा हवन का आयोजन पुरे भक्ति भाव से किया जाता है, फिर कथा होती है, कथा के बाद बाप्पा को ले जाने की तै यारी होने लगती है, ढोल बजाते है, नाचते गाते है, धूम मचाते है, एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते है.
मुहूर्त | समय | तारीख |
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प्रतिमा मुहूर्त | 9:10 AM to 1:56 PM | 1 सितंबर |
मध्यान मुहूर्त | 3:32 PM to 5:07 PM | 1 सितंबर |
संध्या मुहूर्त | 8:07 PM to 9:32 PM | 1 सितंबर |
रत्रि मुहूर्त | 10:56 PM to 3:10 AM | 2 सितंबर |
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